Introduction

परीक्षा एवं मूल्यांकन विभाग बिहार मुक्त विद्यालयी शिक्षण एवं परीक्षा बोर्ड, का एक महत्वपूर्ण विभाग है। यह विभाग बोर्ड में नामांकित उच्च /उच्च माध्यमिक /व्यवसायिक शिक्षार्थियों का एक वर्ष में दो बार सार्वजनिक परीक्षा का आयोजन करने के लिए उत्तरदायी है। बिहार सरकार के द्वारा बिहार मुक्त विद्यालयी शिक्षण एवं परीक्षा बोर्ड को यह अधिकार देते हुए प्राधिकृत किया गया है कि स्नातक पूर्व शिक्षार्थियों को परीक्षा के आधार पर प्रमाण पत्र निर्गत करें। बिहार राज्य का यह इकलौता बोर्ड है, जो एक वर्ष में दो बार सार्वजनिक परीक्षा का आयोजन करता है। उल्लेखनीय है कि बोर्ड की मान्यता भारतीय विद्यालय शिक्षा बोर्ड मंडल (COBSE), दिल्ली तथा भारतीय विश्वविद्यालय संघ (AIU) है। इसका निर्गत प्रमाण पत्र सर्वत्र मान्य है।

BBOSE परीक्षा प्रणाली की विशेषताएँः-

- बिहार मुक्त विद्याालयी शिक्षण एवं परीक्षा बोर्ड द्वारा संचालित माध्यमिक/ उच्च माध्यमिक एवं व्यवसायिक पाठ्यक्रमों में पंजीकृत शिक्षार्थियों के लिए एक वर्ष में दो बार परीक्षाओं का आयोजन किया जाता है।
- प्रथम पंजीकरण सत्र 1 मार्च से 31 अगस्त तक मे पंजीयन कराने वाले शिक्षार्थियों की सार्वजनिक परीक्षा अगले वर्ष के जून माह में आयोजित की जाती है।
- द्वितीय पंजीयन सत्र 1 सितंबर से आगामी वर्ष की 28/29 फरवरी तक में पंजीयन कराने वाले शिक्षार्थियों की सार्वजनिक परीक्षा आगामी वर्ष के दिसम्बर माह में आयोजित की जाती है। नियमित शिक्षार्थियांें के अतिरिक्त पूर्व के सत्रों में भी पंजीकृत शिक्षार्थी जो अनुत्तीर्ण रह गये हों अथवा सम्मिलित नही हुए हों, भी परीक्षा में सम्मिलित हो सकते हैं। टी॰ ओ॰ सी॰ प्रावधान के अंन्तर्गत किसी अन्य बोर्ड से अनुत्तीर्ण छात्र इस बोर्ड में पंजीकरण एवं प्रवेश के उपरांत आगामी परीक्षा में सम्मिलित हो सकता है, बशर्ते वह शिक्षार्थी परीक्षा प्रारंभ होने की तिथि से 15 दिनों पूर्व विधिवत् रूप से भरा हुआ परीक्षा आवेदन-पत्र अध्ययन केन्द्र के माध्यम से बोर्ड कार्यालय को प्राप्त करा देता है।
- माध्यमिक/उच्च माध्यमिक स्तर की परीक्षा में सम्मिलित होने हेतु कम से कम दो वर्षो का अंतराल आवश्यक है।
- शिक्षार्थी को यह सुविधा दी गई है कि वे सैद्धांतिक विषयों की परीक्षा केन्द्र के लिए किसी भी तीन जिला का विकल्प चुन सकते हैं।
- लचीलापन-यदि कोई शिक्षार्थी एक प्रयास में उत्तीर्ण नहीं होता है तो उसे पुनः परीक्षा में बैठने की अनुमति दी जाती है। इसके लिए पुनः आवेदन पत्र भरते हुए निर्धारित शुल्क जमा करने का प्रावधान है। ऐसा अवसर पंजीयन की तिथि से पाँच वर्षो की अवधि में कुल 9 बार के लिए मान्य होगा।
- परीक्षा का आयोजन एवं परीक्षा का माध्यम (Conduct of Examination and Medium Of Examination) बिहार मुक्त विद्यालयी शिक्षण एवं परीक्षा बोर्ड, पटना में माध्यमिक स्तरीय परीक्षा हेतु 18 विषय व उच्च माध्यमिक स्तरीय परीक्षा हेतु 28 विषयों को रखा गया है। परीक्षा का माध्यम हिंदीं, उर्दू एवं अंग्रेजी भाषाओं में से किसी को रखा जा सकता है।
- बोर्ड की परीक्षा की नवीन विशेषताएँ-शिक्षार्थी को प्रवेश पत्र एवं प्रमाण पत्र पर उनके स्कैन फोटो रहता है एवं परीक्षा से संबंधित सभी जानकारियाँ आॅन लाईन रहती है ताकि इसके प्रमाण पत्र की विश्वसनीयता बनी रहें।
- उत्तरपुस्तिकाओं के मूल्यांकन हेतु बार कोडिंग की व्यवस्था की जाती है ताकि गोपनीयता और स्वच्छता अक्षुण्ण बना रहें।
- शिक्षार्थियों के लिए आवेदन भरने की आॅन लाईन की सुविधा विकसित की गई है।
- माँग पर परीक्षा (On Demand Examination):- बोर्ड द्वारा छात्रों के हित में ‘‘माँग पर परीक्षा‘‘ का आयोजन कर शीघ्र परीक्षाफल प्रकाशित करने का कार्य किया जाता हैै। वैसे छात्र जो किसी कारणवश बोर्ड, द्वारा सामान्यतः आयोजित होनेवाली प्रथम परीक्षा, जून एवं द्वितीय परीक्षा, दिसम्बर मंें सम्मिलित नहीं हो सके हैं वे ही छात्र “माँग पर परीक्षा“ में सम्मिलित होंगे। इस व्यवस्था के तहत परीक्षा हेतु आॅनलाईन आवेदन पत्र भरे जायेंगे एवं आवेदन पत्र भरे जाने के एक सप्ताह के अन्दर बोर्ड द्वारा परीक्षा का आयोजन करते हुए अगले एक सप्ताह के अन्दर परीक्षाफल प्रकाशित कर दिया जाता है।

- परीक्षा शुुल्क तालिका के अनुसार सभी शिक्षार्थियों द्वारा निर्धारित परीक्षा शुल्क जमा करना अनिवार्य है एवं निर्धारित तिथि तक परीक्षा शुल्क जमा नहीं करने पर परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
- परीक्षा के लिए एक बार जमा किया गया शुल्क किसी भी स्थिति में वापस नहीं किया जाएगा और न ही आगामी परीक्षाओं के लिए समायोजित किया जाएगा।
परीक्षा आवेदन भरने के निर्देश (Directives for filling up the Examination form):
- जून और दिसम्बर सत्र में आयोजित होने वाली सार्वजनिक परीक्षाओं के परीक्षा आवेदन पत्र को पंजीयन केन्द्र पर, निर्धारित परीक्षा शुल्क सहित, निर्धारित तिथि के पूर्व जमा करना होगा।
- परीक्षा आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि के पश्चात् शिक्षार्थी परीक्षा प्रारंभ होने की तिथि से 15 दिन पूर्व विलम्ब शुल्क के साथ परीक्षा आवेदन पत्र विधिवत रूप से भरकर पंजीकृत अध्ययन केन्द्र के माध्यम से बोर्ड कार्यालय को प्राप्त कराया जा सकता है।
- वैसे शिक्षार्थी जिन्होंने बोर्ड में स्थापित काउंटर में अपना पंजीयन सुविधानुसार अध्ययन केन्द्र पर करवाया है, उसे अपने पंजीकृत अध्ययन केन्द्र में परीक्षा आवेदन एवं निर्धारित आवेदन शुल्क जमा करने में कोई कठिनाई होती है, तो वे बोर्ड में स्थापित काउंटर से सत्यापित कराकर परीक्षा आवेदन पत्र एवं शुल्क बोर्ड में जमा कर सकते हैं। यह अवसर केवल बोर्ड में स्थापित काउंटर पर पंजीकृत शिक्षार्थी को ही दिया जाएगा।
- पूर्ण रूप से भरे हुए परीक्षा आवेदन के साथ शिक्षार्थी का अद्यतन फोटो 4cm × 3cm के आकार में लगा रहना चाहिए एवं उसके नीचे निर्धारित स्थान पर अंगे्रजी एवं हिन्दी में उसे अपना पूरा हस्ताक्षर करना चाहिए। यह हस्ताक्षर वैसा होना चाहिए जैसा कि पंजीयन आवेदन पत्र में किया गया था। इसमें विसंगति रहने पर परीक्षा में बैठने के लिए प्रवेश पत्र/परिचय पत्र निर्गत नहीं किया जाएगा।
- यदि कोई शिक्षार्थी एक प्रयास में उत्र्तीण नहीं होता है, तो उसे पुनः परीक्षा में बैठने हेतु परीक्षा आवेदन पत्र भरना होगा एवं परीक्षा शुल्क तालिका-3 के अंतर्गत वर्णित राशि जमा करनी होगी। ऐसा अवसर केवल पंजीयन की तिथि से 5 वर्षो की अवधि में कुल 9 बार के लिए ही मान्य होगा।

अनुचित साधनों का प्रयोग वर्जित (Prohibition of the use of unfair means) :-
बिहार मुक्त विद्यालयी शिक्षण एवं परीक्षा बोर्ड कदाचारमुक्त परीक्षा के लिए कृत संकल्प है-जैसा कि विदित है कि ये परीक्षायें ’’बिहार परीक्षा बोर्ड संचालन अधिनियम 1981’’ (Bihar Conduct of Examination Act, 1981) के प्रावधान के अनुसार आयोजित की जाती है। अतः परीक्षा में अनुचित साधनों, अनुशासनहीनता एवं कदाचार का प्रयोग करने पर शिक्षार्थियों को दंडित किऐ जाने का प्रावधान है । इसके लिए बिहार मुक्त विद्यालयी शिक्षण एवं परीक्षा बोर्ड द्वारा नियंत्रण समिति का गठन किया गया है जिसकी अनुशंसा पर दंड अधिरोपीत किया जाता है।
परीक्षा के दौरान शिक्षार्थी को प्रत्येक विषय की परीक्षा में उत्तर पुस्तिका के आवरण पृष्ठ पर वांछित विविरण जैसे परीक्षा क्रमांक/पंजीयन इत्यादि सही भरना चाहिए। गलत ढंग से लिखने पर परीक्षाफल लंबित हो जाएगा। उत्तरपुस्तिका में किसी प्रकार का चिंन्ह बनाना, उत्तरपुस्तिका को रंगना उत्तरपुस्तिका पर नाम इत्यादि लिखना या करेंसी नोट लगाना आदि कदाचार है और इन कदाचार के मामले में कदाचार नियंत्रण समिति द्वारा लिया गया निर्णय शिक्षार्थी को मान्य होगा इसके अतिरिक्त प्रवेशपत्र में अंकित निर्देशों का अनुपालन करना अनिवार्य है।
प्रमाण पत्र की प्राप्ति के उपरांत अंक पत्र/प्रमाण पत्र में नाम/पिता का नाम/माता का नाम/जन्म तिथि इत्यादि के संबंध में किसी प्रकार की विसंगति पाए जाने पर सुधार हेतु आवेदन पत्र पंजीयन केन्द्र के समन्व्यक द्वारा अग्रइसारित करवा कर बोर्ड में जमा करने के उपरांत अपेक्षित सुधार कर प्रमाण पत्र उपलब्ध कराया जाता है। इसके साथ मूल प्रमाण पत्र को भी जमा कराना है ताकि उनके स्थान पर अपेक्षित सुधार के उपरांत प्रमाण पत्र निर्गत किया जाता है।
आंशिक पंजीयन (Partial Registration) की स्थिति में परीक्षा देने पर शिक्षार्थी को अलग से प्रमाण पत्र नहीं दिया जाता है क्योंकि उससे संबंधित बोर्ड द्वारा प्रमाण पत्र पूर्व में ही निर्गत किया जा चुका होता है। केवल अंक पत्र दिया जाता है।
जब तक शिक्षार्थी पाठ्यक्रम को पूरा करके संबंधित परीक्षा में उत्तीर्ण नहीं हो जाता है तब तक उसे प्रव्रजन (माइग्रेशन) प्रमाण पत्र जारी नहीं किया जाएगा।
यदि कोई शिक्षार्थी सार्वजनिक परीक्षा में सम्मिलित हुआ है और अपने परीक्षा के परिणामों से संतुष्ट नहीं है तो वह परीक्षा परिणाम के घोषित होने के 30 दिनों के भीतर किसी भी विषय की उत्तर पुस्तिका की पुर्नगणना के लिए निर्धारित शुल्क रू0 200/- प्रति विषय (बैंक ड्राफ्ट के माध्यम से) के साथ आवेदन कर सकता है।
इस प्रावधान के अंतर्गत की गई पुर्नगणना के फलस्वरूप संशोधित अंक (कम अथवा अधिक) ही अंतिम लब्धांक माना जाएगा और इसकी सूचना संबंधित शिक्षार्थी एवं केन्द्र को दे दी जाएगी।
पुनर्गणना का कार्य शिक्षार्थी से प्राप्त आवेदन के 45 दिनों के अन्दर पूरा किया जाएगा।
यह उल्लेखनीय है कि पुनर्गणना के अंतर्गत मात्र तीन कार्य ही किए जाते हैं।

- आवरण पृष्ठ पर अंकित प्रश्नवार अंकों का पुनः योग।
- अमूल्यांकित उत्तरों की जाँच (नियुक्त परीक्षक के द्वारा)।
- उत्तर पुस्तिका में प्रश्नवार लब्धांकों के योग का अंक फलक पर प्रधान परीक्षक के द्वारा सही रूप में अंकित रहने की जाँच।
शिक्षर्थीयों को इसके लिए प्रति विषय 200/-रूपये का शुल्क आवेदन पत्रों के साथ देना होगा शुल्क का भुगतान बैक ड्राफ्ट के रूप में CEO. BBOSE के नाम से PATNA में देय होगा।